March 29, 2024

Uttarakhand: राज्यपाल ने 05 जिलाधिकारियों को किया सम्मानित, इन उपलब्धियों के लिए मिला पुरस्कार..

1 min read

Uttarakhand News: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सुशासन दिवस के अवसर पर राजभवन में उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार-2022 से पांच जिलाधिकारियों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले जिलाधिकारी में हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डे़, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, पौड़ी के जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान, रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना शामिल है।

इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन की अर्द्धवार्षिक पत्रिका ‘देवभूमि संवाद’ का विमोचन भी किया। इस पत्रिका में राज्यपाल के विभिन्न कार्यक्रमों एवं उनके भाषणों का संकलन है। देवभूमि संवाद का संपादन उपनिदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय एवं सहसंपादन संजू प्रसाद ध्यानी ने किया है।

सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने सम्मानित होने वाले अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सुशासन में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है। जिस पर इन अधिकारियों ने अपना बेहतर योगदान दिया है। जनता की समस्याओं को सजग होकर एवं ईमानदारी के साथ दूर करने में आप सभी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे भी इसी प्रकार कार्य करने का आह्वान जिलाधिकारियों से किया।

राज्यपाल ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य समावेशी और संर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जो एक महान नेता, एक असाधारण व्यक्तित्व होने के साथ-साथ सुशासन की प्रतिमूर्ति माने जाते थे उनका हमेशा यही मानना था कि समग्र प्रयासों से सुशासन प्राप्त किया जा सकता है। सुशासन हमारे नागरिकों के सशक्तीकरण हेतु अत्यन्त महत्वपूर्ण है, इसके माध्यम से ही हम अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचा सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप शासन प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और जनता के बीच प्रत्यक्ष, भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता है। जनता की समस्याओं को मेहनती व सजग अधिकारियों और उनकी टीम के संयुक्त प्रयासों से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे कई सक्षम अधिकारी उपलब्ध हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में कई चुनौतियां हैं लेकिन सामूहिक प्रयासों से कई चुनौतियां का सामना करते हुए हम निश्चित ही विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने का सशक्त माध्यम है, इसका अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।

इस अवसर पर सचिव राज्यपाल, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल की प्रेरणा एवं पहल से इस वर्ष पहली बार जिलों में जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन, अभिनव प्रयोग एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलाधिकारियों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को अलग से पुरस्कृत करने की पूर्व में कोई व्यवस्था नहीं थी। इस बात को समझते हुए राज्यपाल महोदय द्वारा जिलाधिकारियों के उत्कृष्ट प्रयासों के लिए पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया।

सचिव सामान्य प्रशासन, विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्कृष्ट जिलाधिकारी पुरस्कार-2022 हेतु जनपदों से आवेदन प्राप्त किये गए थे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति के समक्ष जिलाधिकारियों द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया तदोपरान्त राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद उक्त नामों की संस्तुति की गई। इस कार्यक्रम में सचिव श्री एस.एन.पांडे, अपर सचिव ललित मोहन रयाल, अपर सचिव कर्मेंद्र सिंह, उप निदेशक, सूचना डॉ.नितिन उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

सम्मानित होने वाले जिलाधिकारियों की उपलब्धियां

uttarakhand

विनय शंकर पाण्डेय, जो पूर्व मे कई दायित्वों का निर्वहन करते हुए आज जिलाधिकारी हरिद्वार के पद पर कार्यरत हैं। जिनके द्वारा कोविड लॉकडाउन के बाद पहली बार प्रारम्भ हुई काँवड़ यात्रा का जिस प्रकार सुचारु रूप से प्रबंधन किया गया, उसके लिए उनकी सराहना की गई है। घाटों कि सफाई के लिए आपके द्वारा चलाए गए अभियान के कारण हरिद्वार को गंगा टाउन में सर्वश्रेष्ठ पुरुस्कार भी राष्ट्रपति के हाथों प्राप्त हुआ है।

धीरज गर्ब्याल, अभी नैनीताल के जिलाधिकारी हैं, उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि, वह जहां भी कार्यरत रहे आपने सामूहिक जनभागिता के साथ नए प्रयोग करते हुए कई क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल की है। सेब उत्पादन को लेकर उनके प्रयास एवं पर्यटन के क्षेत्र में रोजगारपरक योजनाओं को जिले में लागू करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

डॉ आशीष चौहान, वर्तमान जिलाधिकारी पौड़ी, पूर्व में जब पिथौरागढ़ जनपद में तैनात थे, तब जब उनके Innovative Approach की चर्चा पूरे प्रदेश में की जाती रही। उनके द्वारा बेडू के उत्पादों के लिए महिला स्वयं सहायता समूह के साथ किए गए प्रयासों की स्वयं प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात कार्यक्रम में सराहना की थी। जिसके पश्चात यहाँ राजभवन में भी उनकी पूरी टीम का सम्मान किया था।

मयूर दीक्षित, द्वारा पूर्व में जिलाधिकारी उत्तरकाशी के पद पर रहते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने, सुदूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एवं वर्तमान में भव्य केदारपुरी के पुनर्निर्माण को सही गति से संचालित करने के लिए सराहा जा रहा है। अभी सम्पन्न हुई सफल केदारनाथ यात्रा के प्रबंधन में भी उनका अतुलनीय योगदान रहा है।

हिमांशु खुराना, चमोली जिलाधिकारी के रूप में इनके द्वारा जिस प्रकार सभी यात्रियों की सुख सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए श्री बद्रीनाथ धाम एवं श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा का सफल प्रबंधन किया गया, इसके लिए उनकी सराहना की गई। श्री बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान के निर्माण कार्यों को समय पर व सुचारु रूप से सम्पन्न करवाने में भी वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.