November 21, 2024

उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी, बेरोजगारी की दर में आई कमी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यस्था ने बड़ी छलांग लगाई है, यह तथ्य आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2023-24 में सामने आया है,जिसमें स्पष्ट है कि प्रदेश की विकास दर 7.58 फीसदी रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 346.20 हजार करोड़ पहुंच गया है, जबकि 2022-23 में इसका आकार 303.78 हजार करोड़ था। उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय में भी 12.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 60 हजार 201 रुपये पहुंच गई है। वर्ष 2022-23 में यही आय 2 लाख 30 हजार 994 थी।

आर्थिक सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि राज्य की अर्थव्यवस्था में सेकेंडरी सेक्टर का सबसे अधिक 46.84 प्रतिशत का योगदान रहा है। दूसरे नंबर पर टर्सरी सेक्टर यानी की सर्विस सेक्टर रहा है। सर्विस सेक्टर का अर्थव्यवस्था में 43.17 प्रतिशत योगदान रहा है। वहीं प्राइमरी सेक्टर यानी एग्रीकल्चर का अर्थव्यवस्था में 9.99 प्रतिशत योगदान रहा है। दिनांक 09 नवम्बर, 2000 को राज्य के अस्तित्व में आने के पश्चात वर्ष 2000-2001 में प्राप्त कर संग्रह 233 करोड़ था, जो कि वर्ष 2022-23 तक लगभग 52 गुना बढ़कर 12,028.68 करोड़ (2,135.60 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) हो गया है। वर्ष 2023-24 में माह दिसम्बर, 2023 तक कुल राजस्व संग्रह 8,496.82 करोड़ (476.62 करोड़ प्रतिकर धनराशि सहित) रहा है।

उत्तराखंड में बेरोजगारी दर में भी भारी कमी देखने को मिली है। 2021- 22 में उत्तराखंड में 8.4 फ़ीसदी बेरोजगारी दर थी, जो 2022-23 में घटकर 4.9 फ़ीसदी रह गई। वहीं बहुआयामी गरीबी में भी भारी गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी की दर 17.67 थी जो साल 2019-21 में घटकर 9.67 फ़ीसदी रह गई। इन पांच साल के अंतराल में राज्य के कुल 9,17,299 लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। यही नहीं राज्य में बहुआयामी गरीबी की तीव्रता 2015-16 में 44.35 प्रतिशत थी जो 2019-21 में घटकर 41.99 प्रतिशत रह गई है। उत्तराखंड में 125000 लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है। इसके विपरीत अभी तक 68 हजार 579 लखपति दीदी बनाई जा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य की वित्तीय स्थिति एवं विकास की प्रगति को आर्थिक सर्वेक्षण में दर्शायी गई प्रगति राज्य के समग्र विकास की झलक प्रस्तुत करती है। यह सुशासन एवं वित्तीय अनुशासन का भी स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के हमारे प्रयासों में भी इससे गति मिलेगी। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूल मंत्र से जन समस्याओं के समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की राह आसान हुई है। यह हमारे विकसित एवं आदर्श उत्तराखण्ड के निर्माण के संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने में भी प्रेरणादायी होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.