बेंगलुरु में आयोजित भव्य रोड शो में 4600 करोड़ रुपए के एमओयू, अब तक हुए रोड़ शो के दौरान कुल 69300 करोड़ के हुए एमओयू
देहरादून। शनिवार को उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों की 18 कंपनियों के मध्य बेंगलुरु रोड शो में कुल 4600 करोड़ के MoU किए गए जिनमे भारत सेमीकंडक्टर सोसायटी (सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के लिए एमएसएमई इकाइयों का क्लस्टर), हेज प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ऑटो कंपोनेंट प्लांट), रेडवुड ग्रुप (पर्यटन रिज़ॉर्ट) , केईसी एग्रीटेक (वैकल्पिक ऊर्जा),हिमालयन बास्केट (एफपी विनिर्माण), सिलेज एग्रो (पशु पोषण, चारा, भ्रूण स्थानांतरण और क्लस्टर आधारित डेयरी फार्मिंग), इंस्पायर (कौशल, महिला उद्यमिता), जीरोहार्म (मेडिकल कैनबिस), निशांत अरोमास (आवश्यक तेल), कुमाऊं हिमालयन बेवरेजेज लिमिटेड (पेय पदार्थ विनिर्माण संयंत्र), न्यूट्रियार्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्रास्यूटिकल्स, डीई पेड्रो शुगर इंडस्ट्रीज (अस्पताल), स्काईलार्क ड्रोन (ड्रोन सॉफ्टवेयर+स्किलिंग), सीडीएसई (इन्क्यूबेटर्स), त्रिलोकेश एक्सपोर्ट्स (लैबग्रोन डायमंड्स) शहरी क्षेत्र (इलेक्ट्रिक बसें विनिर्माण) के MoU शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं दिल्ली में कुल मिलाकर अब तक चौंसठ हजार सात सौ पचास करोड़ (64700 करोड) के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। जिसमें यूएई में 15475 करोड, ब्रिटेन में 12500 करोड़ और दिल्ली में अयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 26575 करोड़ के एमओयू (4 सितंबर को 7600 करोड़ एवं 4 अक्टूबर को दिल्ली रोड शो के दौरान 18975 हजार करोड़ रूपये ) तथा चेन्नई रोड शो में 10150 करोड़ के किये जा चुके हैं। अब बंगलुरु में 4600 करोड़ के एमओयू किए गए हैं।
इस अवसर पर निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री आर्य ने कहा कि 2000 में पृथक राज्य गठन के पश्चात उत्तराखण्ड राज्य ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। उत्तराखण्ड न केवल देश में, अपितु विश्व में भारत के स्विटजरलैण्ड के नाम से विख्यात है। पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद खाद्य प्रसंस्करण, बीवरेजेज, टैक्सटाइल एवं एप्रैल्स पेपर एवं पेपर प्रॉडक्ट, फार्मा, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स, एफ०एम०सी०जी०, फैबरिकेटेड मैटल प्रॉडक्ट, प्लाईवुड, रबर एवं प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स, कैमिकल प्रॉडक्ट्स, पैकेजिंग आदि सैक्टरों में वैश्विक एवं देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों द्वारा निवेश किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश के लिये फोकस सैक्टरों की पहचान की है, जो कि राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन एवं आतिथ्य, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म शूटिंग तथा खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ आने वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी की मजबूती के लिये एक संमिश्रण है। राज्य में टाटा, अशोक लीलैण्ड, बजाज, हीरो होण्डा, महेन्द्रा जैसे उद्योग समूह के प्लांट स्थापित हैं और हरिद्वार तथा पन्तनगर देश के एक प्रमुख ऑटो हब के रूप में विकसित हुआ है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भी फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। उत्तराखण्ड राज्य में देहरादून, हरिद्वार तथा पन्तनगर में फार्मा इकाईयों की भी काफी संख्या में क्लस्टर के रूप में स्थापना हुई है, जिनमें एकम्स एण्ड ड्रग्स, मेन-काइण्ड एस्कंग फार्मा प्रा० लि० प्रमुख हैं। उत्तराखण्ड नैसर्गिक रूप से एक जैविक राज्य है, जहां लगभग 1.52 लाख हैक्टेअर भूमि जैविक रूप से प्रमाणित है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वैश्विक ब्राण्ड के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित ब्राण्ड यथा नेस्ले, ब्रिटानिया, हल्दीराम, पार्ले, डाबर, आईटीसी आदि की इकाईयां स्थापित हैं। राज्य में दो मेगा फूड पार्क और चार फूड क्लस्टर स्थापित हैं। हमारी सरकार राज्य के उत्पादित कृषि उपज को जैविक प्रमाणीकरण के साथ-साथ 9 उत्पादों के जीआई प्रमाणीकरण प्राप्त किये हैं। 18 अन्य उत्पाद के जैविक प्रमाणीकरण शीघ्र ही प्राप्त हो जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार, पंतनगर, देहरादून और सितारगंज में विश्व स्तरीय अवस्थापना सुविधाओं से युक्त एकीकृत औद्योगिक आस्थान स्थापित हैं। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये स्टेट आफ आर्ट के रूप में आईसीडी व एलसीएस की स्थापना की है। राज्य अपने नोडल विभाग सिडकुल के माध्यम से अत्याधुनिक औद्योगिक आस्थानों / क्षेत्रों की स्थापना में काशीपुर में एरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये हैं। राज्य में प्रमुख अकादमिक और शोध संगठनों का शीर्ष स्थान होने के कारण राज्य में ज्ञान आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये अपार सम्भावनायें हैं। एशिया का प्रथम इंजीनियरिंग कालेज, जो आज आईआईटी रूड़की के नाम विख्यात है, देश का प्रथमविश्व विद्यालय गोविन्द बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर और भारतीय प्रबन्ध संस्थान, काशीपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान, श्रीनगर, गढ़वाल इनमें प्रमुख हैं। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की लीड्स रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर श्रेणी में शामिल है। नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर, जबकि हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य गठन के पश्चात् हमने उत्तराखण्ड को आयुष के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प व्यक्त किया है। इसके माध्यम से आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को प्रमुखता प्रदान करते हुये पर्यटकों को इन उपचारों का लाभ उठाने का अवसर उपलब्ध होगा ।सरकार अनुसंधान और विकास संस्थानों और प्रतिष्ठित कम्पनियों के साथ मिलकर औषधीय पौधों और अनुप्रयोगों तथा योग के व्यवसायिक उत्पादन में अनुसंधान एवं शोध कर रही है। राज्य से औषधीय और सुगन्ध पौध निर्यात क्षेत्र के अन्तर्गत देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले शामिल हैं। उत्तराखण्ड में योग की विश्व राजधानी बनने की क्षमता है, क्योंकि यह योग की जन्म स्थली है। राज्य में योग ग्राम की अवधारणा योग को पर्यटन से जोड़ने का एक प्रयास है। राज्य सरकार वेलनेस टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा आयुष एवं वेलनेस तथा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, ताकि इन क्षेत्रों के निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक नीतियों के तहत उद्योगों को मिलने वाले प्रोत्साहनों का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पतंजलि, फॉरेस्ट इसेन्सियल, ब्लाजम कोचर, वीएलसीसी, एसआरआई. हिमालया आयुर्वेद आदि जैसे प्रसिद्ध वेलनेस औद्योगिक प्रतिष्ठानों की इकाईयां स्थापित हैं आनन्दा एवं वेस्ट-इन नरेन्द्रनगर वाना रिट्रीट, हयात, देहरादून और प्रमुख हॉस्पिटेलिटी चेन के रूप में ताज, ऋषिकेश एवं हरिद्वार, मैरियेट इन्टरनेशनल, मसूरी प्रमुख वेलनेस रिसॉर्ट उत्तराखण्ड में पहले से ही हैं।
उत्तराखण्डी या उत्तराखण्ड के लोग अपनी गर्मजोशी, आतिथ्य एवं संस्कृति तथा आध्यात्मिकता के व्यवहार के लिये जाने जाते हैं। विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड ऑटो कम्पोनेन्ट विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, आतिथ्य, स्वास्थ्य एवं कल्याण व शिक्षा आदि क्षेत्रों में वैश्विक कम्पनियों के साथ-साथ भारतीय कम्पनियों के लिये एक पसंदीदा गंतव्य भी है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों की संरचना प्रगतिशील है और इसका उद्देश्य सतत् और समग्र विकास है। हमारी नीतियां इस तथ्य को प्रतिबिम्बित करती हैं। कि निवेशकों को उनके निवेश पर उचित प्रतिफल प्राप्त हो। विगत चार माह में 27 नीतियों का प्रख्यापन इसका प्रमाण है। राज्य की पर्यटन नीति में शत प्रतिशत निवेश के रिटर्न प्राविधानित किये गये हैं। इसी प्रकार एमएसएमई नीति में रू0 4 करोड़ तक के पूंजी निवेश प्रोत्साहन अनुमन्य किये गये हैं। हमने अवस्थापना पर भी ध्यान देते हुये राज्य की पृथक लॉजिस्टिक्स नीति प्रख्यापित की है। हमने राज्य के लिये पृथक सेवा क्षेत्र हेतु नीति, जिसमें हॉस्पिटल्स, प्राईमरी, सेकेण्डरी एजुकेशन, विश्व विद्यालय, खेल कूद गतिविधियां चिन्हित हैं, बनाई है। हमने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक, प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक सुन्दरता को अक्षुण्ण रखते हुये प्रदेश के विकास का मार्ग चुना है, जिसके लिये हमने इकोनोमी विद इकोलॉजी के ध्येय से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है। ऋषिकेश सेकर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य उत्कृष्ट कानून और व्यवस्था के लिये जाना जाता है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक सदभाव का इतिहास रहा है और उत्तराखण्ड राज्य सबसे कम औद्योगिक विवाद वाले राज्यों में से एक है। इसके अलावा उत्तराखण्ड में प्रचुर मात्रा में जल संसाधनों की उपलब्धता, देश में सबसे कम औद्योगिक विद्युत टैरिफ के साथ राज्य उद्योगों को स्थापित करने और उसके परिचालन के लिये एक सक्षम वातावरण प्रदान करने में अन्य सभी राज्यों से बहुत आगे है। मुख्य आयोजन से पूर्व हमने निवेशकों की भावनाओं को समझने के लिये विगत माहों में राष्ट्रीय स्तर पर देश के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ नई दिल्ली में एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लंदन एवं दुबई में रोड शो आयोजित किये और हमें अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई हैं । उत्तराखण्ड राज्य में हमने उद्योगों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं तालमेल बढ़ाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
कैबिनेट मंत्री ने सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के लोगों की ओर निवेशकों को राज्य के ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023, जो दिनांक 8-9 दिसम्बर 2023 को प्रस्तावित है, में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया ।
होटल ताज़ वेस्ट एन्ड में आयोजित इस भव्य रोड शो के दौरान निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर आधारित एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया ।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, डॉ पंकज कुमार पांडे, चेयरमैन सी आई आई कर्नाटक विजय कृष्णन वेंकटेशन, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आईटीसी लिमिटेड नील किंग्सटन जेसपर , चेयरमैन रॉयल आर्किड होटल श्री चन्दर बलजी तथा भारी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों के निवेशक एवं उद्योगपति मौजूद रहे ।